बिहार में आरक्षण की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने पटना के गांधी मैदान में एक बड़ा धरना प्रदर्शन किया है। उन्होंने मांग की है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) और अनुसूचित जाति (SC)/अनुसूचित जनजाति (ST) का आरक्षण बढ़ाया जाए।
तेजस्वी यादव का कहना है कि बिहार में हुई जातिगत जनगणना के अनुसार OBC और EBC की जनसंख्या बहुत अधिक है, इसलिए आरक्षण का प्रतिशत भी बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर पिछड़े और दलित समुदाय को उनका हक नहीं देना चाहती।
अब सवाल यह उठता है कि तेजस्वी यादव की यह मांग कितनी जायज है? और बिहार की राजनीति पर इसका क्या असर पड़ेगा? आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
बिहार में आरक्षण की मांग को लेकर तेजस्वी यादव का धरना : पूरी जानकारी
तेजस्वी यादव की प्रमुख मांगें
तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी RJD (राष्ट्रीय जनता दल) की मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:
(i) OBC और EBC का आरक्षण बढ़ाया जाए
वर्तमान में OBC और EBC के लिए 27% आरक्षण लागू है।
तेजस्वी यादव का कहना है कि बिहार में OBC और EBC की जनसंख्या 63% से अधिक है, इसलिए आरक्षण का प्रतिशत भी बढ़ाया जाना चाहिए।
(ii) SC/ST का आरक्षण बढ़ाने की मांग
अभी बिहार में SC (अनुसूचित जाति) के लिए 15% और ST (अनुसूचित जनजाति) के लिए 7.5% आरक्षण लागू है।
तेजस्वी यादव का कहना है कि इस वर्ग की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को देखते हुए आरक्षण प्रतिशत को और बढ़ाने की जरूरत है।
(iii) जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाए
बिहार सरकार ने 2023 में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए थे।
इन आंकड़ों के अनुसार, बिहार में OBC और EBC की आबादी 63% से अधिक है।
तेजस्वी यादव की मांग है कि आरक्षण भी इसी अनुपात में तय किया जाए।
(iv) मंडल कमीशन की सिफारिशों को पूरी तरह लागू किया जाए
1990 में वी.पी. सिंह सरकार ने मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू की थीं, जिससे OBC को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 27% आरक्षण मिला।
तेजस्वी यादव का आरोप है कि सरकार अब OBC और EBC का हक मार रही है।
वे मांग कर रहे हैं कि मंडल आयोग की सिफारिशों को पूरी तरह लागू किया जाए।
बिहार की जातिगत जनगणना और आरक्षण की बहस
2023 में बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना करवाई थी, जिससे पता चला कि राज्य में पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्गों की संख्या 63% से अधिक है।
बिहार में जातिगत जनगणना के बाद आरक्षण को बढ़ाने की मांग और तेज हो गई है।
तेजस्वी यादव समेत कई नेता चाहते हैं कि आरक्षण को इन आंकड़ों के आधार पर संशोधित किया जाए।
जनसंख्या के अनुसार बिहार में विभिन्न वर्गों का आंकड़ा :
वर्ग | प्रतिशत (%)
OBC + EBC 63%
SC 15%
ST 7.5%
सवर्ण (General) 14.5%
इन आंकड़ों को देखते हुए तेजस्वी यादव OBC, EBC, SC और ST का आरक्षण बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
नीतीश कुमार और भाजपा पर तेजस्वी यादव के हमले
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “आरक्षण को खत्म करने की साजिश हो रही है और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि “पिछड़ों और दलितों को उनका हक देने की बजाय, सरकार सिर्फ पूंजीपतियों का भला कर रही है। “तेजस्वी यादव का यह भी कहना है कि “अगर आरक्षण को सही अनुपात में लागू नहीं किया गया, तो हम सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे।”
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने तेजस्वी यादव के आंदोलन का समर्थन किया है।
जदयू (JDU) और बीजेपी (BJP) ने इस धरने को “सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट” बताया है।
बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि “तेजस्वी यादव आरक्षण को राजनीति का मुद्दा बना रहे हैं।”
आरक्षण को लेकर देशभर में बहस
बिहार में आरक्षण को लेकर यह आंदोलन राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बन गया है।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी आरक्षण को बढ़ाने की मांग उठ रही है।
कई राज्यों में मराठा, गुर्जर, पटेल और जाट समुदाय भी आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
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