कल्याण बनर्जी कौन हैं? (Who is Kalyan Banerjee)
क्यू है चर्चा मे, क्या है पूरा मामला
TMC MP कल्याण बनर्जी अक्सर अपने बयानों, व्यवहार और राजनीतिक गतिविधियों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। अप्रैल 2025 तक उनकी चर्चा के कुछ प्रमुख कारण है आप देख सकते है ।
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- हनुमान चालीसा विवाद (अप्रैल 2025): रामनवमी के दौरान पश्चिम बंगाल के एक मंदिर में कथित तौर पर पुजारी से असभ्य व्यवहार के आरोप लगे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों ने टीएमसी पर निशाना साधा।
- वक्फ बिल बैठक (अक्टूबर 2024): वक्फ संशोधन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक में गुस्से में कांच की बोतल तोड़ दी, जिसके बाद उन्हें एक दिन के लिए निलंबित किया गया। इस घटना ने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा।
- उपराष्ट्रपति की मिमिक्री (दिसंबर 2023): संसद परिसर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल करने का मामला अभी भी चर्चा में है, क्योंकि यह विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तनाव का कारण बना था।
संसदीय गतिविधियाँ:
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- 2025 के बजट सत्र में कल्याण बनर्जी ने टीएमसी के लिए कई मुद्दों पर जोरदार बहस की। पश्चिम बंगाल के हितों, खासकर केंद्र से फंडिंग और कानून व्यवस्था पर उनकी टिप्पणियाँ सुर्खियों में रहीं।
टीएमसी में स्थिति:
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- ममता बनर्जी के पुराने और विश्वासपात्र नेताओं में से एक होने के नाते, उनकी भूमिका पर चर्चा होती है। अभिषेक बनर्जी (ममता के भतीजे) के उभरने से पार्टी में उनकी स्थिति को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। फिर भी, वे टीएमसी के कोर ग्रुप का हिस्सा बने हुए हैं।
कानूनी सक्रियता:
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- वे हाल ही में टीएमसी से जुड़े कुछ बड़े कानूनी मामलों में शामिल रहे हैं, जैसे पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा और अन्य विवादों पर कोर्ट में पक्ष रखना। उनकी वकालत और राजनीति का मिश्रण उन्हें चर्चा में रखता है।
स्थानीय प्रभाव:
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- सरेमपुर में उनके विकास कार्य, जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा परियोजनाएँ, स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय हैं। साथ ही, 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तैयारियों में उनकी भूमिका भी ध्यान आकर्षित कर रही है।
राजनीतिक करियर की शुरुआत कैसे किया
- प्रवेश: 1990 के दशक में राजनीति में कदम रखा।
- टीएमसी में शामिल: 1998 में ममता बनर्जी द्वारा तृणमूल कांग्रेस की स्थापना के बाद इसमें शामिल हुए।
- पहला बड़ा पद: 2001-2006 तक पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य रहे।
- लोकसभा: 2009 में पहली बार सरेमपुर से सांसद चुने गए।
- ये था इनका राजनीतिक शुरुआत
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प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
कल्याण बनर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के औद्योगिक शहर आसनसोल में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा स्थानीय स्तर पर पूरी की और फिर बांकुड़ा समिलानी कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री हासिल की। इसके बाद, कानून में रुचि के कारण उन्होंने रांची लॉ कॉलेज से एलएल.बी पूरा किया। उनकी शिक्षा ने उन्हें एक मजबूत कानूनी और वाणिज्यिक आधार दिया, जो बाद में उनके करियर में काम आया।
जन्म: 4 जनवरी, 1957, आसनसोल, बर्दवान जिला, पश्चिम बंगाल।
शिक्षा:
बी.कॉम (बांकुड़ा समिलानी कॉलेज, बांकुड़ा विश्वविद्यालय)।
एलएल.बी (रांची लॉ कॉलेज, रांची विश्वविद्यालय)।
पेशा: वकील (1981 से प्रैक्टिस शुरू की)।
परिवार:
पत्नी: छवि बनर्जी।
बच्चे: एक बेटा और एक बेटी।
धर्म: हिंदू।
कानूनी करियर
शुरुआत: 1981 में कलकत्ता हाई कोर्ट में वकालत शुरू की थी ।
विशेषज्ञता: सिविल, क्रिमिनल, और संवैधानिक मामलों में प्रैक्टिस।
प्रमुख केस:
रिजवानुर रहमान केस (2007): कोलकाता में एक चर्चित हत्या का मामला, जिसमें टीएमसी का पक्ष रखा।
नंदीग्राम और सिंगुर आंदोलन: भूमि अधिग्रहण के खिलाफ कानूनी लड़ाई।
छोटा अंगरिया केस: टीएमसी कार्यकर्ताओं की हत्या से जुड़ा केस।
भिखारी पासवान केस: पुलिस कस्टडी में मौत का मामला।
सुप्रीम कोर्ट: कई बार टीएमसी और अन्य पक्षों के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए।
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