Nagpur News Update : 17 मार्च 2025 को नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है।
क्यू हुआ नागपुर में विवाद ? नागपुर हिंसा की मुख्य वजह।
17 मार्च 2025 को नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है।यह विवाद तब शुरू हुआ जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नागपुर के महाल गांधी गेट परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने औरंगजेब का पुतला जलाया। इन संगठनों की मांग थी कि खुल्दाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाया जाए, क्योंकि उनका मानना है कि औरंगजेब एक “अत्याचारी शासक” था, और उसकी कब्र का महिमामंडन स्वीकार्य नहीं है।
क्या था अफवाह ?
प्रदर्शन के दौरान अफवाह फैली कि पवित्र ग्रंथ को जलाया गया है, जिससे मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग महाल, कोतवाली, गणेशपेठ और चिटनिस पार्क समेत शहर के विभिन्न इलाकों में इकट्ठा होने लगे। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। इस हिंसा में कम से कम 11 लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। नागपुर में भड़की हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण हैं। पुलिस ने शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। नागपुर पुलिस ने शहर में अशांति फैलाने के आरोप में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। हंसपुरी इलाके में एक और झड़प के बाद कई घरों और वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। सीएम फडणवीस, नागपुर से सांसद नितिन गडकरी समेत तमाम लोगों ने शांति बनाए रखने की अपील की है।
आगजनी और तोड़फोड़ :
उग्र भीड़ ने 25 से अधिक बाइक और तीन कारों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा, दुकानों में तोड़फोड़ की गई और वाहनों में आग लगा दी गई। हिंसा के बाद नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
क्या थी पुलिस की कार्रवाई ?
पुलिस ने अब तक 60 से 65 दंगाइयों को हिरासत में लिया है, जबकि 25 से 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि निवासियों के घरों पर भी पथराव किया गया। पुलिस हजारों की भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश कर रही है।
कर्फ्यू और सुरक्षा व्यवस्था :
हिंसा भड़कने के बाद नागपुर के 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है, जिसमें कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर शामिल हैं। राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF), दंगा नियंत्रण पुलिस और त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है।
मुख्यमंत्री की अपील :
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने कहा, “नागपुर शांति और सद्भाव के लिए जाना जाता है। मैं नागरिकों से अपील करता हूं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन का सहयोग करें।”
वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन तनाव बना हुआ है। प्रशासन ने कड़े कदम उठाने की बात कही है, लेकिन आने वाले दिनों में तनाव और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
हिंसा की घटनाएं :
महाल इलाके में दो गुटों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आईं।
हंसपुरी क्षेत्र में भी अज्ञात व्यक्तियों ने दुकानों में तोड़फोड़ की और वाहनों में आग लगा दी।
पुलिस की कार्रवाई :
पुलिस ने हिंसा में शामिल 60 से 65 लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि 25 से 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का उपयोग किया गया।
कर्फ्यू और सुरक्षा प्रबंध :
नागपुर के कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है।
कर्फ्यू अगले आदेश तक लागू रहेगा, और पुलिस ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया :
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस आयुक्त को स्थिति को नियंत्रित करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने नागरिकों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है।
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