रूपज्योति कुर्मी:असम विधानसभा में हंगामा,क्यों बीजेपी ने विधायक मांगी माफी।

असम भाजपा ने अपने विधायक रूपज्योति कुर्मी  को शुक्रवार को राज्य विधानसभा में विपक्षी सदस्यों पर हमला करने और गाली-गलौज करने के बाद जनता से माफ़ी मांगने का निर्देश दिया है। पार्टी अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने उनके कार्यों को अलोकतांत्रिक और पार्टी मूल्यों के खिलाफ बताया। पूर्व कांग्रेस नेता कुर्मी पहले ही विधानसभा में माफ़ी मांग चुके हैं।

क्यों असम विधानसभा में मचा बवाल?

आपकी जानकारी के लिए बता दे की असम की राजनीति में हाल ही में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब बीजेपी विधायक रूपज्योति कुर्मी ने विधानसभा सत्र के दौरान अपशब्दों का प्रयोग किया। इसके बाद विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया और उनकी निलंबन की मांग की। इस घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है।

कौन है रूपज्योति कुर्मी?

रूपज्योति कुर्मी असम के मरियानी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वे पहले कांग्रेस पार्टी में थे लेकिन 2021 में उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली थी। वे असम में एक अनुभवी नेता माने जाते हैं और कई बार चुनाव जीत चुके हैं।

राजनीतिक सफर : 

1.2006 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए।

2.2021 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए।

वर्तमान में मरियानी से बीजेपी विधायक हैं।

असम विधानसभा में विवादों का सिलसिला

असम विधानसभा में हाल के दिनों में कई बार हंगामे की स्थिति बनी है। 5 मार्च 2025 को भी बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी, जिसके चलते विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी।

प्रमुख विवाद

  1. मार्च 2025: असम विधानसभा में बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच तीखी बहस।

2. फरवरी 2025: कृषि विधेयक पर चर्चा के दौरान तीखी झड़प।

3. जनवरी 2025: स्पीकर को अपमानजनक शब्द कहने पर एक विधायक को नोटिस भेजा गया।

किस बात पे हुआ विवाद शुरू?

यह विवाद 21 मार्च 2025 को असम विधानसभा सत्र के दौरान शुरू हुआ, जब बहस के दौरान रूपज्योति कुर्मी ने विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया। उनके इस व्यवहार से कांग्रेस, एआईयूडीएफ और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने नाराजगी जताई।

क्या रहा बीजेपी का रुख विधायक रूपज्योति कुर्मी के खिलाफ?

असम बीजेपी अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने इस घटना को गंभीरता से लिया और विधायक रूपज्योति कुर्मी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी एक अनुशासित पार्टी है और इस तरह की अनुशासनहीनता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

क्या रहा आधिकारिक प्रतिक्रिया?

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने कहा:

“रूपज्योति कुर्मी का व्यवहार लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। बीजेपी एक अनुशासित पार्टी है और इस तरह की भाषा का समर्थन नहीं कर सकती। उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए।”

 

क्या बोले विपक्षी दलों के नेता?

विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस तरह की भाषा का प्रयोग विधानसभा जैसी जगह पर नहीं होना चाहिए। कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने स्पीकर से तत्काल कार्रवाई की मांग की।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देबब्रत सैकिया ने कहा:

“यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। विधायक को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए। हम उनके निलंबन की मांग करते हैं।” 

 

इस घटना के बाद विधानसभा सत्र में भारी हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने 10 मिनट के लिए सदन से वॉकआउट किया और रूपज्योति कुर्मी पर कार्रवाई की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा कि इस मुद्दे की जांच की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की।

इस पूरे घटनाक्रम से असम की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। बीजेपी अपने विधायक के इस व्यवहार से असहज नजर आ रही है और सार्वजनिक माफी की मांग कर रही है। वहीं, विपक्ष इस मुद्दे को जोरशोर से उठा रहा है और कार्रवाई की मांग कर रहा है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस विवाद का क्या परिणाम निकलता है और क्या रूपज्योति कुर्मी माफी मांगेंगे या नहीं।

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