सबसे पहला नियम
दूसरा नियम
तीसरा नियम
चौथा नियम
पाँचवा नियम
छठा नियम
पॉइंट नंबर सिक्स स्पीक स्लोली आराम से बोलें धीरे बोलें। हड़बड़ाहट में बोलने वालों की इज्जत कम होती है। जो आराम से बोलते हैं सोच समझ कर बोलते हैं आराम दे कर के बोलते हैं उनकी इज्जत ज्यादा होती है। भले ही इनकी बॉडी बहुत अच्छी है लेकिन अगर उनके पास सही से बात करने का तरीका न हो तो उनकी कोई इज्जत नहीं होती है । कुछ की बॉडी बहुत अच्छी है कुछ की बॉडी नहीं भी है लेकिन ये बहुत ही आराम से बोलते हैं . शांत रहकर बोलते हैं. और गहराई से बोलते हैं. और इनकी जो इज्जत है वो एक अलग ही लेवल पर है. तो शांत रहकर बोलिए थोड़ा सा गैप देकर बोलिए सोच कर बोलिए और धीरे बोलिए। आप सभी ने देखा होगा जीतने भी बड़े -बड़े नेता है या कोई बाद बिजनस मेन होता है वो अपनी बात को बहुत आराम के साथ बोलता है । और जो जितना कम बोलता है लोग उसको उतना ज्यादा सुनना पसंद करते है । ये बात हमेशा याद रखे आप को हमेशा आराम से बोलना है और सोच समझ कर बोलना है ।
सातवा नियम
सातवां नियम और सबसे ज्यादा इज्जत आपकी बढ़ेगी इस नियम से. और यह नियम यह कहता है कि अपनी कला में माहिर बने मैं फिर कह रहा हूं अपनी कला में माहिर बने जो इंसान अपनी कला में माहिर होता है उसकी दुनिया इज्जत करती है । विराट कोहली भी सचिन तेंदुलकर के आगे नतमस्तक होते हैं क्योंकि सचिन तेंदुलकर अपने वक्त के अपने खेल के महानायक रह चुके हैं तो। सबसे ज्यादा इज्जत बन सकती है अपनी कला में माहिर बनके जो भी आपका काम है ना गोल रखें अपनी फील्ड का महा नायक बनने का किसी भी काम को करे पूरी लगन व मेहनत के साथ करे सिर्फ और सिर्फ उस काम पे ही फोकस करे जो काम आप कर रहे है ।
आठवा नियम
नंबर नाइन नियम
दसवा नियम
ग्यारवा नियम
11वां नियम यह कहता है कि। हमें सिर्फ इज्जत पानी नहीं है बल्कि इज्जत देनी भी है। अगर आप लोगों को वो देते हो जो वो चाहते हैं तो लोग भी आपको वो देंगे जो कि आप चाहते हो. आप अगर सामने वाले से इज्जत चाहते हो तो आपको भी इज्जत देनी पड़ेगी . और हमारे केस में भी बिल्कुल वैसा ही है अगर मैं आपको वो दूंगा जो कि आप चाहते हो नॉलेज कंटेंट वैल्यू तो आप मुझे वो दोगे जो कि मैं चाहता हूं। क्योंकि मैं आपको वो दे रहा हूं जो कि आप चाहते हो। इज्जत देने से इज्जत कभी भी कम नहीं होती है और बड़ती है आप आप सभी से इज्जत पाना चाहते है तो आप को भी इज्जत देना सीखना पड़ेगा ।
बारवा नियम
बारवा नियम अपनी इज्जत बढ़ाने के लिए अपनी अवेलेबिलिटी कम कर दो। प्रकृति खुद ही एग्जांपल देती है ना कि बारिश के दिनों में मैं देख रहा था एक महीने से एक महीने से लगातार बारिश हो रही थी बादल छाए हुए थे सूर्य नहीं मिल रहा था। सनलाइट नहीं मिल रही थी मजा ही नहीं आ रहा था लेकिन जैसे ही सन आया 31 वें दिन एक महीने बाद सभी लोग अपनी छत पर चले गए सभी लोग कपड़े सुखाने लग गए सभी लोग देख रहे सूरज को धूप का आनंद ले रहे थे। मैं भी चला गया क्यों क्योंकि सूरज ने अपनी अवेलेबिलिटी कम कर दी थी। और जैसे ही वो 30 दिनों बाद निकला क्या आनंद आया क्या इज्जत बढ़ गई ना उसकी इसी तरीके से आप भी अपनी अवेलेबिलिटी कम कर दो जब काम पड़े तब निकलो बहुत कम टाइम के लिए लोगों के सामने आओ । आपकी जो इज्जत है वो बढ़ जाएगी ।जितना हो सके लोगों से काम से काम मिले अगर आप के पास है भी तो भी आप लोगों के सामने आने से बचे ।
तेरवां नियम
खुली किताब ना बन कर रहे अपनी पर्सनल लाइफ को प्राइवेट ही रखें ।अपना पैसा प्यार और जो आपके अंदर की कमियां है अपनी कुछ चीजें बहुत ज्यादा खास है उन चीजों के बारे में ज्यादा बात ना करें। और लोगों को ना थोड़ा कंफ्यूज होने दें. अगर लोग कंफ्यूज रहेंगे आपके पत्ते नहीं खुलेंगे तो लोगों की नजरों में पता नहीं क्या ही वो कंफ्यूज होते रहेंगे ।और आपकी जो इज्जत है वो उनकी नजरों में बढ़ेगी पत्ते खुलने के बाद में किसी का इंटरेस्ट नहीं रहता । भाई किसी का इंटरेस्ट नहीं बचता लेकिन पत्ते नहीं खुले हैं तो इंटरेस्ट बहुत रहता है।
नियम चौदह
नियम पन्द्रह
15वां नियम अपनी गलती माने . बहाने बनाना बंद करें. जब भी कोई इंसान अपनी गलती मान लेता है तो दुनिया को यह लगता है कि यार ये इंसान नाजिम्मेदार है सारी जिम्मेदारी ये खुद पर लेता है खुद की गलती खुद मानता है । क्योंकि वो उसकी जिम्मेदारी थी और ऐसे लोगों की इज्जत की जाती है। तो गलती अगर आपकी है तो आप उसे एक्सेप्ट कीजिए इज्जत का अगला नियम किसी के बारे में भी पीठ पीछे बुराइयां ना करें। क्योंकि अगर सामने वाले भले नहीं बताते हैं लेकिन कुछ-कुछ बार ना आप जिसको बता रहे हैं आप जिसके बारे में बुराई कर रहे हैं ये इंसान उसको जाकर के बता देता है । कि उसने तेरी बुराई करी है अगर उस इंसान को यह पता चल गया कि यार इस इंसान ने मेरी पीठ पीछे बुराई की है। सामने तो बहुत अच्छा बोलता है तो आप ना हमेशा हमेशा के लिए गिर जाओगे उसकी नजरों में, आपको जो भी बोलना है जितनी भी बुराई करनी है उसके मुंह पर कर दो । पेठ पीछे बिल्कुल भी नहीं पीठ पीछे वाले काम ना आप मत करिए । ये अच्छे लोगों को शोभा नहीं देते आप पीठ पीछे सामने वाले की तारीफ करिए जब उस इंसान को पता चलेगा कि इसने मेरी पीठ पीछे तारीफ की है आप दिल में बस जाओगे उस इंसान के
नियम सोलह
अगला नियम दुनिया भर में इज्जत पाने के लिए आपको किसी एक ग्रुप में अपनी पूरी इज्जत गवानी पड़ेगी । आपको थोड़ा सा मुर्ख रहना पड़ेगा सुल्तान मूवी का वो डायलॉग शायद आपको याद होगा कई बार इज्जत कमाने के खातीर बेइज्जती करवानी भी बहुत जरूरी होती है । आपको अपनी लाइफ में कुछ ऐसे सर्कल रखने हैं ऐसे ग्रुप रखने हैं जहां पर सिर्फ सीनियर लोग होते हैं वो आपसे एज में भी बड़े हैं पैसों में भी बड़े हैं. नॉलेज में भी बड़े हैं एक्सपीरियंस में बड़े हैं हर चीज में वो आपसे बड़े हैं उस ग्रुप में आप सबसे छोटे हो । हर चीज में आप सब सबसे मूर्ख इंसान हो उस ग्रुप में जितनी बेइज्जती आपकी हो सकती है कोई दिक्कत नहीं है। क्योंकि उस ग्रुप में बेइज्जती होने से बाकी सभी ग्रुप में आपकी इज्जत रहेगी। आप इतना सीखो उन लोगों से जिसकी कोई हद नहीं है। मैं आपको अपनी बताता हूं मैं कुछ ऐसे ग्रुप्स में हूं मैं ऐसे लोगों के साथ में रहता हूं। मैं कहीं पर भी जाता हूं ना वो सारे लोग मुझसे बड़े ही मिलते हैं हर चीज में वो मुझसे बड़े ही रहते हैं मैं इतना कुछ सीखता हूं ना उनसे मैं आपको बता नहीं सकता। मेरे को मजा आता है भले मैं बहुत ही छोटा बन जाता हूं . वहां पर भले वो मेरी इज्जत नहीं करते मुझसे तू करके बात करते हैं. कुछ भी बोल देते हैं मेरे को फर्क नहीं पड़ता है। क्योंकि मुझे सीखने को मिल रहा है भाई कि वो मुझसे उम्र में डबल हैं पैसों में डबल हैं वो नाम इज्जत में डबल हैं तो उनको कितना कुछ पता है। वहां पर मैं अपनी भले बेइज्जती करवा लूंगा लेकिन दुनिया के सामने फिर मेरी इज्जत जो है ना वो अलग लेवल पर जाएगी। क्योंकि मैंने बहुत कुछ सीखा है ऐसे लोगों के बीच में रह कर।