पहलगाम आतंकी हमला 2025: जानिए पूरी घटना और सरकार की प्रतिक्रिया”

पहलगाम के ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से प्रसिद्ध बैसरन घाटी में आतंकियों ने अचानक गोलियां चलानी शुरू कर दीं। यह क्षेत्र पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है, जहां देश-विदेश से लोग घूमने आते हैं। आतंकियों ने पर्यटकों से धर्म और पहचान पूछी, जो मुस्लिम नहीं थे, उन्हें गोली मार दी गई। इस हमले में ज्यादातर मृतक पर्यटक थे, जिनमें नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शामिल थे, जिनकी शादी के छह दिन बाद यह त्रासदी हुई

हमले की योजना और पाकिस्तानी कनेक्शन

पहलगाम हमले की साजिश लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी ने फरवरी 2025 में बनाई थी। सैफुल्लाह ने पांच आतंकियों को इस हमले के लिए तैयार किया था, जिनमें अबू मूसा, इदरीस शाहीन, मोहम्मद नवाज, अब्दुल रफा रसूल और अब्दुल्लाह खालिद शामिल थे। इस योजना में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की भी मदद मिली। आतंकियों की बैठक मीरपुर में हुई थी, जहां हमले की रणनीति पर चर्चा की गई। सैफुल्लाह को पाकिस्तानी सेना के कर्नल ने बहावलपुर में स्वागत किया था, जिससे इस हमले का पाकिस्तान से सीधे जुड़ाव सिद्ध होता है।

जाने हमले की भयावहता और पीड़ितों की कहानी

आतंकियों ने पहलगाम में पर्यटकों से धर्म और पहचान पूछी, और शक होने पर कई लोगों के कपड़े उतरवाकर उनकी पहचान की। इस हमले में महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार, ओडिशा, एमपी, नेपाल और यूएई के नागरिक मारे गए। इनमें से कई की हाल ही में शादी हुई थी, जैसे लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, जिनकी कहानी पूरे देश के दिल को छू गई। हमले में घायल और मृतकों की सूची जारी की गई है, और उनके परिवारों को विशेष विमान से शव भेजे जा रहे हैं।

पहलगाम हमला और पर्यटन पर प्रभाव

पहलगाम आतंकी हमले का सबसे बड़ा असर जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। यह क्षेत्र देश के जीएसडीपी में 7-8% का योगदान देता है और इस हमले के कारण पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। खासकर पूर्वी भारत से आने वाले पर्यटक अपनी यात्रा रद्द कर रहे हैं, जिससे लगभग 22,000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई थीं, लेकिन इस हमले ने इन प्रयासों को बड़ा झटका दिया है।

भारत सरकार की प्रतिक्रिया और कड़े कदम

इस हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले को लेकर कई उच्चस्तरीय बैठकें कीं और पाकिस्तान के राजदूत को तलब किया। भारत ने सिंधु जल समझौते को रोक दिया, पाकिस्तानी दूतावास को बंद किया और ऑटारी बॉर्डर सील कर दिया। साथ ही पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया। सेना, सीआरपीएफ और पुलिस मिलकर आतंकियों की तलाश में जुटी है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने कौन-कौन से कदम उठाए हैं

  • केंद्र सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद कड़े और व्यापक कदम उठाए हैं, जिनका उद्देश्य आतंकवाद को रोकना और पाकिस्तान पर दबाव बनाना है। मुख्य कदम इस प्रकार हैं:
  • सिंधु जल समझौता रद्द करना: सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच जल संसाधन सहयोग ठप हो गया
  • अटारी-वाघा बॉर्डर बंद करना: भारत-पाक सीमा पर अटारी बॉर्डर को आम आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच पारंपरिक सीमा पार आवागमन प्रभावित हुआ
  • पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और देश छोड़ने का आदेश: सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है, साथ ही नए वीजा जारी करना बंद कर दिया गया है
  • पाकिस्तानी उच्चायुक्त और राजनयिकों की संख्या कम करना: दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्त को वापस भेजा गया और उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई है
  • सुरक्षा कड़ी करना और खुफिया एजेंसियों की बैठकें: गृह मंत्रालय में रॉ, आईबी और अन्य एजेंसियों की उच्चस्तरीय बैठकें हुईं, जिसमें हमले के पीछे की साजिश और भावी रणनीति पर चर्चा की गई। साथ ही जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई
  • विदेशी राजनयिकों को जानकारी देना: भारत ने 20 से अधिक देशों के राजनयिकों को इस हमले और पाकिस्तान की भूमिका के बारे में विस्तार से अवगत कराया
  • सर्वदलीय बैठक और राजनीतिक समर्थन: केंद्र सरकार ने हमले के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सभी राजनीतिक दलों ने आतंकवाद की निंदा की और सरकार के कड़े कदमों का समर्थन किया
  • प्रधानमंत्री का विशेष ध्यान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब के दौरे को बीच में छोड़कर देश वापस आकर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक की अध्यक्षता की और हमले के बाद की रणनीति पर काम किया ।
  • इन सभी कदमों का उद्देश्य पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराना और उसकी हरकतों पर कड़ी प्रतिक्रिया देना है, साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना है

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया क्या थी

पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया

  • पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत के अंदर कई विद्रोही संगठन हैं, जो अलग-अलग राज्यों में सक्रिय हैं, और इस हमले के लिए पाकिस्तान को दोष देना गलत है। उन्होंने भारत की आंतरिक समस्याओं को इस हमले का कारण बताया
  • पाकिस्तान ने भारत द्वारा उठाए गए कड़े कदमों का जवाब देते हुए व्यापार निलंबित कर दिया, सीमा बंद कर दी और भारतीय सैन्य सलाहकारों को वापस बुला लिया। इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी वीजा निलंबित कर दिए और भारतीय राजनयिकों की संख्या कम कर दी
  • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की आपात बैठक बुलाई और देश में उच्चस्तरीय सुरक्षा सतर्कता बढ़ा दी गई
  • पाकिस्तान ने भारत के सिंधु जल समझौते से हटने के फैसले को गंभीरता से लिया और इसे द्विपक्षीय संबंधों में बड़ा झटका माना

Bengal Violence: “जब कानून बन गया जंग का मैदान, पश्चिम बंगाल में वक्फ़ विरोधी हिंसा की बड़बड़ाहट” 

पाकिस्तान की जनता और कुछ व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएं

  1. कुछ पाकिस्तानी नागरिकों, जैसे पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद हफीज और अभिनेता फवाद खान ने सोशल मीडिया पर हमले की निंदा की और शोक व्यक्त किया। उन्होंने इसे जघन्य कृत्य बताया और कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र के लिए हानिकारक माना

  2. वहीं कुछ पाकिस्तानी नागरिकों ने भारत की जवाबी कार्रवाइयों को लेकर चिंता और एकजुटता भी दिखाई, जबकि कुछ ने भारत पर बलूचिस्तान में अशांति भड़काने का आरोप लगाया ।

पहलगाम आतंकी हमला 2025: जम्मू-कश्मीर में 26 लोगों की मौत, बैसारन घाटी में दहशत

पहलगाम हमले के पीछे का मुख्य कारण क्या है

पहलगाम हमले के पीछे का मुख्य कारण आतंकवादियों द्वारा कश्मीर में अस्थिरता फैलाना और भारत के पर्यटन एवं आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाना है। इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front या TRF) नामक आतंकी संगठन ने ली है, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन माना जाता है। TRF का गठन 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद हुआ था और इसका मकसद घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देना और टारगेट किलिंग करना है। इस संगठन को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी समर्थन प्राप्त है।

पहलगाम को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जहां सुरक्षा अपेक्षाकृत कम होती है, और यह अमरनाथ यात्रा के मार्ग में भी आता है। आतंकियों ने टूरिस्ट सीजन का फायदा उठाकर इस इलाके में हमला किया ताकि पर्यटकों में डर फैलाया जा सके और कश्मीर की आर्थिक और सामाजिक स्थिरता को कमजोर किया जा सके। इसके अलावा, यह हमला भारत सरकार को चुनौती देने और घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने की साजिश का हिस्सा है।

इस प्रकार, पहलगाम हमले के पीछे मुख्य कारण हैं:

  • कश्मीर में आतंकवाद फैलाना और अस्थिरता पैदा करना

  • भारत के पर्यटन क्षेत्र और आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाना

  • अमरनाथ यात्रा मार्ग को निशाना बनाकर धार्मिक और सामाजिक तनाव बढ़ाना

  • लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन TRF द्वारा भारत सरकार को चुनौती देना

Leave a Comment

Exit mobile version