सऊदी अरब द्वारा 14 देशों पर वीज़ा प्रतिबंध: भारत सहित कई देश प्रभावित — क्या है असली वजह?

सऊदी अरब द्वारा 14 देशों पर वीज़ा प्रतिबंध

साल 2025 की शुरुआत में जब पूरी दुनिया धीरे-धीरे कोविड की छाया से बाहर निकल रही थी, तभी सऊदी अरब ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने लाखों लोगों को चौंका दिया। सऊदी सरकार ने 14 देशों के नागरिकों के लिए उमराह, परिवारिक और व्यवसायिक वीज़ा अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए — और इनमें भारत भी शामिल था।

यह खबर जैसे ही सामने आई, भारत समेत कई देशों में चिंता की लहर दौड़ गई। यह केवल धार्मिक यात्रियों को ही नहीं बल्कि व्यवसायियों, छात्रों और उन परिवारों को भी प्रभावित करता है जो अपने सऊदी निवासियों से मिलने का सपना देख रहे थे।

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कौन-कौन से देश प्रभावित हुए?

सऊदी अरब द्वारा जारी की गई प्रतिबंधित देशों की सूची में ये 14 देश शामिल हैं:

1. भारत
2. पाकिस्तान
3. बांग्लादेश
4. मिस्र
5. इंडोनेशिया
6. इराक
7. जॉर्डन
8. यमन
9. ट्यूनीशिया
10. मोरक्को
11. नाइजीरिया
12. अल्जीरिया
13. इथियोपिया
14. सूडान

इन देशों के नागरिकों के लिए उमराह, परिवारिक और कुछ अन्य प्रकार के वीज़ा स्थगित कर दिए गए हैं।

 

प्रतिबंध कब तक रहेगा?
यह प्रतिबंध 13 अप्रैल 2025 से लागू होकर हज के समापन (मध्य जून 2025) तक प्रभाव में रहेगा। माना जा रहा है कि हज सीज़न की समाप्ति के बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

सऊदी अरब सरकार ने यह कदम क्यों उठाया?

सऊदी सरकार की ओर से कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई गई, लेकिन कुछ प्रमुख संभावित कारण सामने आए हैं:

1.अनधिकृत हज यात्रियों को रोकना
हर साल लाखों लोग उमराह वीज़ा लेकर सऊदी पहुंचते हैं और बाद में हज में भी भाग लेते हैं। इससे सऊदी की कोटा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण नीति प्रभावित होती है।

2. अवैध प्रवास और रोजगार का डर
कुछ लोग व्यवसाय या परिवारिक वीज़ा लेकर सऊदी में आ जाते हैं, लेकिन बाद में गैरकानूनी तरीके से वहीं रुक जाते हैं और नौकरी करते हैं।

3. भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा कारण
2024 में हज के दौरान अत्यधिक गर्मी और भीड़ के कारण कई लोगों की मृत्यु हुई थी। इससे सऊदी प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़े।

4.राष्ट्रीय सुरक्षा और पहचान नीति
सऊदी अब अपने देश में विदेशी कामगारों की संख्या को सीमित करना चाहता है और घरेलू श्रमिकों को प्राथमिकता दे रहा है।

 

भारत पर इसका प्रभाव क्या पड़ा?

धार्मिक यात्राएं ठप
भारत से हर साल लाखों मुस्लिम उमराह और हज के लिए सऊदी जाते हैं। इस प्रतिबंध से उनकी तैयारियां और प्लान पूरी तरह रुक गए हैं।

व्यापारिक अवसरों पर असर
भारत और सऊदी के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत हैं। सैकड़ों कारोबारी हर महीने विज़िट वीज़ा पर जाते हैं — अब वे अटक गए हैं।

परिवारों की मुलाकातें स्थगित
हज़ारों भारतीय परिवार सऊदी अरब में रहते अपने रिश्तेदारों से मिलने की योजना बना रहे थे, जो अब संभव नहीं।

रोजगार पर भी प्रभाव
सऊदी अरब में लगभग 25 लाख भारतीय काम करते हैं। नई भर्ती और वीज़ा प्रक्रिया प्रभावित होने से नौकरी के नए अवसर रुक सकते हैं।

क्या ऐसा पहले कभी हुआ है?

जी हाँ, यह पहला मौका नहीं है जब सऊदी अरब ने किसी देश पर वीज़ा रोक लगाई हो:

2020 में COVID-19 के समय
2021 में पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर
2017 में कुछ अफ्रीकी देशों पर

लेकिन एक साथ 14 देशों पर प्रतिबंध लगाना पहली बार हुआ है — यह बताता है कि सऊदी अब विदेश नीति में ज्यादा सख्ती दिखा रहा है।

लोगों की क्या प्रतिक्रियाएं हैं?

आम मुसाफिर
“मेरे माता-पिता को रमज़ान में उमराह के लिए जाना था। टिकट और होटल सब बुक था, अब सब बेकार हो गया। बहुत दुःखद है।”

ट्रैवल एजेंट
“हमारे पास 100 से ज्यादा फंसे हुए ग्राहक हैं। रिफंड की प्रक्रिया में बहुत दिक्कत हो रही है। विश्वास की कमी हो रही है।”

विदेश नीति विशेषज्ञ

“यह निर्णय सऊदी के आंतरिक नीति और रणनीतिक प्राथमिकताओं का संकेत है। भारत को अब कूटनीति के जरिए आगे बढ़ना होगा।”

 

भारत सरकार की प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने संयम बरता है। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है:

“हम सऊदी अरब सरकार के साथ निरंतर संवाद में हैं और जल्द ही कोई समाधान निकलेगा। हमारे नागरिकों की चिंता को हम प्राथमिकता दे रहे हैं।”

साथ ही, भारतीय मिशन सऊदी में रहने वाले भारतीयों की मदद के लिए हेल्पलाइन और जानकारी अभियान चला रहा है।

क्या समाधान संभव है?

कुछ विशेषज्ञों का मानना है:

– यह प्रतिबंध स्थायी नहीं है, हज के बाद हट सकता है।
– भारत सरकार को राजनयिक वार्ता तेज करनी चाहिए।
– यात्रियों को केवल अधिकृत एजेंसियों से टिकट और वीज़ा लेना चाहिए।
– वीज़ा नियमों का पालन करना अनिवार्य है — वीज़ा के गलत उपयोग से ही समस्या शुरू होती है।

 

सऊदी की वीज़ा नीति: एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण

सऊदी अरब 2030 तक खुद को एक आधुनिक, डिजिटल और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में बदलना चाहता है। इसी मिशन के तहत वह विदेशी कामगारों की संख्या घटा रहा है और नई इलेक्ट्रॉनिक वीज़ा व्यवस्था भी ला रहा है।

हालांकि, इस बदलाव के दौरान ट्रांजिशन पीरियड में कई समस्याएं सामने आ सकती हैं।

 

सऊदी अरब का 14 देशों पर लगाया गया वीज़ा प्रतिबंध एक बड़ा कदम है, जिसने लाखों लोगों को प्रभावित किया है। धार्मिक भावना, पारिवारिक रिश्ते और आर्थिक हित — तीनों पर इसका असर पड़ा है।

हालांकि यह प्रतिबंध अस्थायी है, लेकिन यह चेतावनी है कि भविष्य में वीज़ा नीतियां और ज्यादा सख्त हो सकती हैं। भारत के लिए यह एक मौका है — अपनी कूटनीतिक ताक़त, जनसंपर्क, और नीति संवाद के ज़रिए इस समस्या का समाधान निकालने का।

हमें उम्मीद है कि भारत और सऊदी अरब मिलकर इस मसले को हल करेंगे और जल्द ही स्थिति सामान्य होगी।

https://www.eoiriyadh.gov.in/

 

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