साइबर अपराध: भारत में डिजिटल भुगतान और साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं।

साइबर अपराध: भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली ने हाल के वर्षों में जबरदस्त वृद्धि की है। ऑनलाइन बैंकिंग, यूपीआई, वॉलेट और क्रेडिट/डेबिट कार्ड जैसी सुविधाएं आम हो गई हैं। लेकिन इसके साथ ही साइबर अपराध की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। यह ब्लॉग डिजिटल भुगतान के विकास और इससे जुड़े साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों पर केंद्रित है।

भारत में डिजिटल भुगतान का विकास का सफर। 

. भारत में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में कई कारकों की भूमिका रही है। इनमें प्रमुख हैं:

. डिजिटल इंडिया पहल: सरकार ने 2015 में डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया, जिससे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिला।

. UPI (Unified Payments Interface): यूपीआई के माध्यम से डिजिटल लेनदेन बेहद आसान और तेज हो गया।

. मोबाइल वॉलेट्स: पेटीएम, फोनपे, गूगल पे जैसे मोबाइल वॉलेट्स ने कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया।

. कोविड-19 महामारी: महामारी के दौरान कैशलेस भुगतान को प्राथमिकता दी गई, जिससे डिजिटल ट्रांजैक्शन में वृद्धि हुई।

.सरकारी प्रोत्साहन: डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई रियायतें और कैशबैक योजनाएं चलाईं।

. -बढ़ता इंटरनेट उपयोग: मोबाइल डेटा की किफायती दरों ने डिजिटल भुगतान को बढ़ाने में मदद की।

क्या है डिजिटल भुगतान के लाभ? 

सुविधा: किसी भी समय, कहीं से भी भुगतान किया जा सकता है।

पारदर्शिता: कैशलेस लेनदेन से ब्लैक मनी पर नियंत्रण संभव है।

तेजी और सुलभता: यूपीआई और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए तत्काल भुगतान संभव है।

कम लागत: डिजिटल लेनदेन की प्रक्रिया में बिचौलियों की भूमिका कम हो जाती है, जिससे लेनदेन की लागत घटती है।

डिजिटल रिकॉर्ड: प्रत्येक लेनदेन का डिजिटल रिकॉर्ड रहता है, जिससे वित्तीय प्रबंधन आसान हो जाता है।

इको-फ्रेंडली: डिजिटल भुगतान कागज के उपयोग को कम करता है, जिससे पर्यावरण को लाभ होता है।

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साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं। 

डिजिटल भुगतान के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर अपराध भी बढ़े हैं।

फिशिंग अटैक: नकली वेबसाइट और ईमेल के जरिए उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी चुराना।

मैलवेयर अटैक: वायरस और ट्रोजन सॉफ़्टवेयर के जरिए डेटा चोरी करना।

सिम स्वैपिंग फ्रॉड: मोबाइल नंबर को हैक करके ओटीपी चुराना।

UPI फ्रॉड: नकली लिंक और QR कोड के जरिए पैसे चुराना।

डेबिट/क्रेडिट कार्ड फ्रॉड: कार्ड की जानकारी चोरी कर नकली लेनदेन करना।

रैनसमवेयर अटैक: उपयोगकर्ता के डेटा को लॉक करके फिरौती मांगना।

सोशल इंजीनियरिंग स्कैम: भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक तरीकों से लोगों को ठगना।

 

क्या है साइबर अपराध रोकने के उपाय?

डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

मजबूत पासवर्ड का उपयोग: पासवर्ड को जटिल और अद्वितीय बनाएं।

टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन: अतिरिक्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 2FA का उपयोग करें।

संशयजनक लिंक पर क्लिक न करें: अनजान लिंक या ईमेल से बचें।

साइबर सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें: एंटीवायरस और फ़ायरवॉल को अपडेट रखें।

UPI पिन और ओटीपी साझा न करें: गोपनीय जानकारी किसी के साथ साझा न करें।

बैंक और सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से ही लेनदेन करें।

VPN का उपयोग करें: सार्वजनिक वाई-फाई पर संवेदनशील लेनदेन करने से बचें।

नियमित बैंक स्टेटमेंट की जांच करें: किसी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करें।

 

जाने क्या है सरकार की पहल और साइबर सुरक्षा कानून को लेकर? 

सरकार ने साइबर अपराध को रोकने के लिए कई उपाय किए हैं:

IT एक्ट 2000: इस कानून के तहत साइबर अपराधियों को दंडित किया जाता है। 

CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team): यह संस्था साइबर हमलों की निगरानी करती है।

डिजिटल पेमेंट सुरक्षा नियम: बैंक और भुगतान कंपनियों को ग्राहकों की सुरक्षा के लिए कड़े नियमों का पालन करना होता है।

साइबर क्राइम हेल्पलाइन: साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग के लिए 155260 नंबर चालू किया गया है।

RBI दिशानिर्देश: भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा बढ़ाने के लिए समय-समय पर नए नियम लागू करता है।

साइबर पुलिस स्टेशनों की स्थापना: साइबर अपराधों की जांच के लिए विशेष पुलिस स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जा रही है।

जनजागरण अभियान: सरकार और बैंकों द्वारा आम जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।

https://cybercrime.gov.in/

 

डिजिटल भुगतान भारत में तेजी से बढ़ रहा है और इससे कई फायदे भी हैं, लेकिन इसके साथ ही साइबर अपराध भी बढ़े हैं। लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है और सुरक्षित डिजिटल लेनदेन के लिए जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लगातार साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रयास कर रही हैं। यदि हम जागरूक रहें और सही सुरक्षा उपाय अपनाएं, तो डिजिटल भुगतान प्रणाली को सुरक्षित और प्रभावी बना सकते हैं।

 

 

 

 

 

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